22 मार्च
bihar rashtriya phal प्रतिवर्ष 22 मार्च को 'बिहार दिवस' मनाया जाता है।
राजकीय पुष्प गेंदा का कुल नाम क्या है? – गेंदा के कुल का नाम 'Asteraceae' है। गेंदा किस कुल का पौधा है? – गेंदा 'Asteraceae' कुल का पौधा है। ⚘ | गेंदा को अंग्रेजी में मेरी गोल्ड भी कहते है,जो प्रभु जीसस की मां मरियम के नाम पर रखा गया है। इसे हजारा के नाम से भी जाना जाता है। गेंदा के फूल को गरीबों का केसर भी कहा जाता है। गेंदे के फूल में विटा सी और एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। गेंदा के फूल में एंटीऑक्सिडेंट पाए जाने के कारण यह शरीर को कैंसर से लडने की शक्ति देता है। इसके लिए गेंदा के फूल या तना या सम्पूर्ण पौधा का काढ़ा बनाकर सुबह शाम नियमित सेवन करने से कैंसर में लाभ होता है। गेंदा के फूल का काढ़ा बनाकर रात्रि भोजन के बाद सोने से पहले लेने पर ट्यूमर जड़ से नष्ट हो जाता है। | गेंदा का फूल बुखार को भी समाप्त करता है, चुकीं इसके फूल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण पाए जाते है, अतः इसके फूल की चाय बनाकर पीने से बुखार के सभी लक्षण ठीक हो जाते है। गेंदा का फूल योनि संक्रमण को भी दूर करता है,इसके लिए गेंदे के फूल की पंखुड़ी का काढ़ा बनाकर इस पानी को स्नान के पानी में मिलाकर लगातार दो सप्ताह तक स्नान करने से योनि संक्रमण समाप्त हो जाता है। गेंदा का फूल नपुंसकता को भी दूर करता है, इसके लिए इसके फूलो को सुखाकर इसके बीज में मिश्री मिलाकर नित्य सेवन करने से नपुंसकता समाप्त हो जाती है,तथा पुरुष वीर्य वर्धक हो जाता है। गेंदा का फूल श्वेत प्रदर(ल्यूको रिया) में भी लाभकारी होता है,इसके लिए गेंदा के फूल का रस पांच से दस ग्राम की मात्रा में सेवन करने से लुकोरिया में लाभ होता है। गेंदा के फूलों के सेवन से पथरी को भी नष्ट किया जा सकता है,इसके लिए गेंदा के बीस से तीस ग्राम पत्तो का काढ़ा बनाकर सुबह शाम कुछ दिनों तक सेवन करने से पथरी गलकर निकल जाती है। गेंदा फूल के सेवन से बवासीर रोगियों को भी लाभ होता है,इसके लिए दस ग्राम गेंदा के पत्तो में दो ग्राम काली मिर्च पीसकर पिलाने से बवासीर में काफी लाभ होता है,या फिर इसके पत्तो को पीसकर मस्सों पर लेप करने से भी फायदा होता है। | गेंदागेंदा 🌼 |
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